माता दुर्गा |
1. माता शैलपुत्री
यह माता दुर्गा के नो रूपों का पहला रूप है। माता शैलपुत्री को भारतीय सुंदरता का प्रतीक माना जाता है और हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली देवी में से एक माना जाता है। उन्हें शक्ति की एक रहस्यमय अभिव्यक्ति माना जाता है, जो एक दिव्य स्त्री ऊर्जा है जो हर महिला के अंदर रहती है.मां शैलपुत्री की पूजा लंबे समय से हिंदुओं द्वारा इच्छाओं की पूर्ति और वरदान देने के लिए की जाती रही है। वह भारतीय सुंदरता का प्रतीक है और हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली देवी-देवताओं में से एक है।
माता शैलपुत्री का पूजन मंत्र
वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम।
वृषारूढ़ां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम।।
2. माता ब्रह्मचारिणी
माता ब्रह्मचारिणी का पूजन मंत्र
देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
3. माता चंद्रघंटा
माता चंद्रघंटा का पूजन मंत्र
प्रसादं तनुते मह्मं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।
4. माता कूष्मांडा
यह माता दुर्गा के नो रूपों का चोथा रूप है। माता कूष्मांडा की पूजा करने से यश, आयु और आरोग्य की वृद्धि होती है।माता कूष्मांडा का पूजन मंत्र
दधाना हस्तपद्माभ्यां, कूष्मांडा शुभदास्तु मे।
5. माता स्कंदमाता
यह माता दुर्गा के नो रूपों का पांचवा रूप है। भगवान भोलेनाथ और माँ पार्वती के छह मुखों वाले पुत्र स्कंद की मां होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा। इनकी पूजा से इंसान के मोक्ष का मार्ग आसान होता है।
माता स्कंदमाता का पूजन मंत्र
शुभदास्तु सदा देवी, स्कंदमाता यशस्विनी।
6. माता कात्यायनी
यह माता दुर्गा के नो रूपों का छठा रूप है। कात्यायनी हिंदू पौराणिक कथाओं की देवी हैं। उन्हें दवा और उपचार की देवी के रूप में पूजा जाता है, खासकर सर्पदंश से पीड़ित लोगों के लिए। इनकी पूजा करने से चारों पुरुषार्थों जैसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माता कात्यायनी का पूजन मंत्र
कात्यायनी शुभं दद्यात्, देवी दानवघातिनी।।
7. माता कालरात्रि
यह माता दुर्गा के नो रूपों का सातवां रूप है। माता कालरात्रि असुरों का नाश करने वाली हैं। इनके तीन नेत्र और चार भुजाएं हैं।
माता कालरात्रि का पूजन मंत्र
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी, तैलाभ्यक्तशरीरिणी।।
वामपादोल्लसल्लोह, लताकंटकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा, कालरात्रिभयंकरी।।
8. माता महागौरी
यह माता दुर्गा के नो रूपों का आठवां रूप है। इनका वर्ण गौर है, इसलिए ये माता महागौरी कहलाती हैं। नवरात्रि के आठवे दिन माता की पूजा की जाती है। इनकी पूजा से सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
माता महागौरी का पूजन मंत्र
महागौरी शुभं दद्यात्, महादेवप्रमोददाद।।
9. माता सिद्धिदात्री
यह माता दुर्गा के नो रूपों का नवां रूप है। जिनकी आराधना से व्यक्ति को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है शास्त्रों में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व नाम की आठ सिद्धियां बताई गई हें। इन सिद्धियों को मां सिद्धिदात्री की पूजा से प्राप्त किया जा सकता है।
माता सिद्धिदात्री का पूजन मंत्र
सेव्यमाना सदा भूयात्, सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।