सोशल मीडिया पर फोटो, वीडियो पर लाइक या कमेंट्स करने से पहले ध्यान रखें, पुलिस रख रही नजर सावधान रहें

इंदौर। सोशल मीडिया पर कोई फोटो या वीडियो लाइक करने या उनपर कमेंट्स करने से पहले सौ बार सोच लें. हर किसी की फोटो या वीडियो पर लाइक करना या कमेंट करना आपको खासा महंगा पड़ सकता है। अज्ञानतावश भी किसी अपराधी की फोटो या वीडियो पर लाइक या कमेंट कर दिया तो पुलिस तुरंत पकड़ लेगी. इसके लिए पुलिस सोशल मीडिया पर खासतौर पर नजर रख रही है। इतना ही नहीं, पुलिस ऐसे लोगों की लिस्टिंग भी कर रही है। पुलिस आयुक्त ने चारों जोन के पुलिस उपायुक्तों के साथ क्राइम ब्रांच और साइबर सेल को सोशल मीडिया की निगरानी दायित्व दिया है।

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पुलिस सोशल मीडिया पर खासतौर पर नजर रख रही

हिस्ट्रीशीटर अनिल दीक्षित मर्डर केस के बाद आरोपियों चयन सीके और शानू सागर ने सोशल मीडिया पर फोटो व वीडियो डाले थे. दोनों आरोपियों ने हथियारों के साथ ये फोटो वीडियो शेयर किए थे। चयन सीके उज्जैन के मृत गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप गैंग का है। 12 जुलाई को चयन और शानू ने दीक्षित को गोली मारी और उसकी हत्या कर दी। वारदात से पहले मीडिया पर वीडियो अपलोड किए और बाकायदा चैलेंज भी दिया। उनके गिरोह में कई युवा मीडिया पर फेमस करने के लिए यही काम करते हैं। शानू व चयन बिट्टू गौड़ नाम के युवक की फेसबुक आइडी से काल करके ही लोगों को धमकाता था। ऐसी पोस्ट पर लाइक या कमेंट करने को पुलिस गंभीर मान रही है. पुलिस के अनुसार ये अपरोक्ष रूप से अपराधियों की मदद कर रहे हैं। इसलिए ऐसे लोगों की कुंडली बनाई जा रही है. इन पर केस भले ही दर्ज नहीं किए जाएंगे पर पुलिस की सख्त नजर हमेशा बनी रहेगी.
दोनों बदमाशों चयन और शानू का एक और वीडियो भी इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दोनों अपराधी इस वीडियो में वस्त्रहीन दिख रहे हैं और अपने दोस्तों को कोई क्राइम नहीं करने की बात बोल रहे हैं। ये दोनों भूख प्यास से बेहाल होकर अपने दिन गुजार रहे हैं। यह वीडियो पुलिस का बताया जा रहा है और उनके ही द्वारा जारी किया गया है। कहा जा रहा है कि अपराधियों द्वारा धमकी भरा वीडियो जारी करने के बदले में पुलिस ने यह वीडियो डाला है। इधर पुलिस ने चाकूबाजी के आरोपियों की भी हिस्ट्रीशीट बनाना शुरू कर दिया है। ऐसे बदमाशों की आय का स्त्रोत पता किया जा रहा है। इतना ही नहीं, ऐसे बदमाशों के जमानतदारों, फरारी में मददकरनेवालों, परिजनों और रिश्तेदारों के अलावा उनके वाहनों व बैंक खातों की जानकारी भी रखी जा रही है।